SYNOPSIS OF HYDROPONIC FARMING:
SYNOPSIS :
परियोजना का विषय:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
परियोजना का शीर्षक:
बिना मिट्टी के खेती
समस्या:
देश की आबादी लगातार बढ़ रही है और भूमि पर इमारतों , सड़कों ,फैक्ट्रियों, घरों के बनने से खेती योग्य भूमि लगातार कम हो रही है। इस स्थिति में सभी लोगों के लिए भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। गांव में तो लोग खेतों में फल सब्जियों और अनाज होगा लेते हैं लेकिन शहर के लोगों के लिए घर में सब्जी उगाना एक बड़ी चुनौती है।
समाधान:
हम लोग मिट्टी का उपयोग किए बिना पानी की मदद से भी सब्जियां उगा सकते हैं। इस प्रक्रिया को हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कहते हैं । हाइड्रोपोनिक खेती, खेती की एक एसी प्रक्रिया हैं जिसमें खेती पूरी तरह से जल में होती हैं. खेती की इस आधुनिक तकनीक में मुख्य निर्भरता मिट्टी पर न होकर पानी पर होती हैं. हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता हैं. अधिकतर फार्म कंकड़ का इस्तेमाल करते हैं.पौधे के लिए सभी आवश्यक खनिज और उर्वरक पानी के माध्यम से दी जाती है। फसल उत्पादन के लिए सिर्फ 3 चीजें पानी, पोषक तत्व और प्रकाश की जरूरत है। यदि ये 3 चीजों हम बिना मिट्टी के उपलब्ध करा दें तो पौधे फल-फूल सकते हैं। लगभग किसी भी फसल को हाइड्रोपोनिक रूप से उगाया जा सकता है, सबसे आम पत्ती सलाद, टमाटर, मिर्च, खीरे, स्ट्रॉबेरी, जलकुंभी, अजवाइन और कुछ जड़ी-बूटियां हैं ।
प्रक्रिया:
जिस तरह से आप अपना मॉडल बना रहे हैं उसी के अनुसार आप यहां पर प्रक्रिया लिख सकते हैं
कार्यप्रणाली
हाइड्रोपोनिक खेती में पाइप का प्रयोग करके पौधों को उगाया जाता है। पाइप में कई छेद बने होते हैं, जिसमें पौधे लगाए जाते हैं। इन्हीं पाइप के माध्यम से पौधे पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं।सभी पोषक तत्वों को पानी में ही घोल कर दिया जाता है। इसमें फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटाश,जिंक, सल्फर, मैग्मैग्निशियम, कैलशियम, आयरन आदि कई पोषक तत्व और खनिज पदार्थों को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। इस घोल को निर्धारित किए गए समय के अंतराल पर पानी में मिलाया जाता है। जिससे पौधों को सभी पोषक तत्व मिलते रहते हैं।
उपयोग
- इस तकनीक से बिना मिट्टी की भी खेती जाती है
- पानी से ही पौधों को सीधा पोषण मिलता है।
- मिट्टी इस्तेमाल न होने से खरपतवार नहीं होता है।
- इस तकनीक में पौधे 25-30% तेजी से वृद्धि करते हैं।
- सब्जी में स्वाद, पोषण ज्यादा पाया जाता है।
- इससे मिट्टी को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।
- इसे घरों के छतों पर भी खेती की जा सकती है।
- शहरों के लिहाज से यह तकनीक काफी उपयुक्त है
लागत प्रभावशीलता :
इस तकनीक की को बनाने में बहुत अधिक धन की आवश्यकता भी नहीं है। शहरों में रहने वाले लोग भी इस तकनीकी का उपयोग करते हुए अपने घरों के अंदर सब्जियां उगा सकते हैं।
निष्कर्ष :
बढ़ती आबादी और खेती की लिए कम पड़ती ज़मीन को देखते हुए हाइड्रोपोनिक्स तकनीक बहुत ही कारगार है। ऊंची इमारतों की छत पर भी इस विधि से खेती की जा सकती है। शहरवासी खुद अपने लिए सब्जियों का उत्पादन कर सकेंगे।