सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षण का कार्य करते हैं उन्हें जैव प्रक्रम कहते हैं। सभी जीवों का अनुरक्षण कार्य हर समय चलता रहना चाहिए। यह कार्य उनके शरीर में तब भी चलता रहना चाहिए जब वे कोई विशेष कार्य न भी कर रहे हों। वे सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षण का कार्य करते हैं, उन्हें जैव प्रक्रम कहते हैं। हमारे शरीर में सदा टूट- फूट होती रहती है। पुरानी कोशिकाएं मरती हैं तथा नई कोशिकाओं का निर्माण होता रहता है , इसलिए अनुरक्षण प्रक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो श्वसन, भोजन आदि से हम प्राप्त करते हैं। मानव शरीर के कार्यों को निरंतर चलने के लिए इनके अंदर कई तरह की प्रक्रियाएं लगातार चलती रहती हैं और इनमें की तरह के पदार्थ भी उत्सर्जित होते हैं इसके लिए उत्सर्जन तंत्र है शरीर के भीतर ऐसे अंगों के कई समूह हैं जो एक-दूसरे से जुड़े हैं या एक-दूसरे पर निर्भर हैं और एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से कार्य करते हैं। समान क्रिया वाले सहयोगी अंगों के इस समूह को तंत्र (System) कहा जाता है। शरीर की क्रियाएं निम्नलिखित तंत्रों द्वारा सम्पादित होती हैं
- पाचन तंत्र (Digestive system)
- श्वसन तंत्र (Respiratory system)
- उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)
- तंत्रिका तंत्र (Nervous system)
- परिसंचरण तंत्र (Circulatory system)
- कंकाल तंत्र (Skeleton system)
- अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine system)
- प्रजनन तंत्र (Reproductive system)
- पेशी तंत्र (Muscular system)
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NCERT Biology –उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)
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