Exocrine and Endocrine glands in hindi. In this article you will get complete information about endocrine glands and exocrine glands. This article is important for all board exams as well as for competitive exams. You can also visit and subscribe to our YouTube channel to get a daily NCERT Biology videos and notes. इस पोस्ट के माध्यम से आप अंत स्त्रावी और बहिस्त्रावी ग्रंथियाँ के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
कोशिकाओं (Cells) के व्यवस्थित समूह को ही ऊतक (Tissue) कहा जाता हैं यही ऊतक मिलकर अंग का निर्माण करते हैं कुछ ऊतक या अंग विशेष प्रकार के रसायन एन्जाइम, हार्मोन का निर्माण करते हैं उन्हें ग्रंथि (Glands) कहा जाता हैं। जन्तुओं में विभिन्न शारीरिक क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वयन तंत्रिका, तन्त्र के अतिरिक्त कुछ विशिष्ट रासायनिक यौगिकों के द्वारा भी होता है | ये रासायनिक यौगिक हार्मोन (Hormone) या एन्जाइम(Enzymes) कहलाते हैं।हॉर्मोन शब्द ग्रीक भाषा (Gr. Hormaein = to stimulate excite) से लिया गया है, जिसका अर्थ है – उत्तेजित करनेवाला पदार्थ | हॉर्मोन का स्त्राव शरीर की कुछ विशेष प्रकार ग्रंथियों द्वारा होता है, जिन्हें अंत: स्त्रावी ग्रंथियां (Edocrine glands) कहते हैं | अंत: स्त्रावी ग्रंथियों को नलिकाविहीन ग्रंथियां (Ductless glads) के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि इनमें स्त्राव के लिए नलिकाएं (Ducts) नहीं होती हैं | नलिकाविहीन होने से कारण ये ग्रन्थियां अपने स्त्राव हॉर्मोन्स को सीधे रुधिर परिसंचरण में मुक्त करती है | रुधिर परिसंचर तन्त्र द्वारा ही इनका परिवरहन सम्पूर्ण शरीर में होता है।
ग्रंथियाँ(Glands) तीन प्रकार की होती है
बहिर्सावी ग्रंथि (Exocrine Glands)
अंतःस्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands)
मिश्रित ग्रंथि (Mixed Glands)
बहिर्सावी ग्रंथि (Exocrine Glands)
सेरुमिनस ग्रंथि-(Cerumen Gland)
कान के वैक्स का वैज्ञानिक नाम सेरुमेन (cerumen) है सेरुमेन कान के पर्दे को लचीला रखता है, बाहरी श्रवण नलिका को चिकना और साफ करता है, नलिका को जलरोधी बनाता है, बैक्टीरिया को मारता है यह कान के अंदर मॉम का निर्माण करता है।
लैक्रिमल- ग्रंथियां-lacrimal Gland
लैक्रिमल ग्रंथि को हिन्दी में अश्रु ग्रंथि कहते हैं. यह आंखों में मौजूद एक ग्रंथि है जो आंसू पैदा करती है. लैक्रिमल ग्रंथि, आंखों की सतह पर एक चिकनाई वाली परत छोड़ती है, जिससे आंखें साफ़ और पोषित रहती हैं आमतौर पर नाक के पास, ऊपरी और निचली दोनों पलकों पर छोटे-छोटे छिद्रों से बह जाते हैं। फिर वे नाक में बहने से पहले संकीर्ण नलिकाओं, जिन्हें आंसू नलिकाएं ( lacrimal punctum ) के माध्यम से यात्रा करते हैं। यही कारण है कि जब आप रोते हैं तो आपकी नाक बहती है।
मीबोमियन ग्लैंड -Meibomian gland
मीबोमियन आपकी पलकों में एक ग्रंथि है, जिसका नाम जर्मन डॉक्टर हेनरिक मीबॉम के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसकी खोज की थी। मेइबोमीन ग्रंथियां आंखों की पलकों के रोम में खुलती हैं। इनसे एक तैलीय स्राव निकलता है जिससे घर्षण रहित पलकें झपकती हैं। मेइबोमियन ग्रंथियों को टार्सल ग्रंथियां, पैल्पेब्रल ग्रंथियां और टार्सोकंजंक्टिवल ग्रंथियां भी कहा जाता है यह कान के अंदर मॉम का निर्माण करता है
स्वेद-ग्रन्थि- Sweat Glands
पसीना हमारे शरीर में मौजूद पसीने की ग्रंथियों से निकलता है। इन्हें स्वेद-ग्रन्थि/पसीना ग्रंथि ( Sweat Glands) कहते हैं । ये ग्रंथियां पैर के तलवों(feet soles) , हथेली(palm) , मस्तक(forehead) , गाल (cheeks) और काँख( Armpit) में सबसे ज्यादा होती है। स्वेद ग्रंथियां दो प्रकार की होती हैं एक्राइन ग्रंथि और एपोक्राइन ग्रंथि
एक्राइन( Eccrine sweat glands)– ये पसीने की ग्रंथियां शरीर के अधिकांश भाग पर पाई जाती हैं और सीधे त्वचा की सतह पर खुलती हैं।
एपोक्राइन(Apocrine sweat glands ) – ये ग्रंथियां बालों के रोम में खुलती हैं, जो त्वचा की सतह तक जाती हैं।
सेबेशियस ग्लैंड्स( Sebaceous Glands)
सेबेशियस ग्लैंड्स( Sebaceous Glands) – त्वचा में मौजूद होती हैं। ये तैलीय या मोम वाले पदार्थों का स्राव करती हैं, जिसे सीबम कहते हैं । सीबम घर्षण से बचाने के लिए त्वचा को चिकनाई देता है ।
जठर ग्रंथि गैस्ट्रिक ग्रंथियां (Gastric Glands )
गैस्ट्रिक ग्रंथियां, आमाशय (stomach ) की परत में मौजूद बहिस्त्रावी ग्रंथियां हैं ये ग्रंथियां ट्यूब जैसी, शाखाओं वाली संरचनाएं हैं। जठर ग्रंथियां दो तरह के एंजाइम को स्रावित करती हैं। जठर ग्रंथियां गैस्ट्रिक जूस (Gastric juice ) स्रावित करती हैं। गैस्ट्रिक जूस में दो मुख्य एंजाइम होते हैं
पेप्सिन-Pepsin
रेनिन-Rennin
स्तन ग्रंथि (Mammary Gland)
Mammary Glands – यह ग्रंथि, स्वेद ग्रंथियों का रूपांतरण होती है यह दूध का स्राव करती है, जो नवजात शिशु के लिए पोषक आहार है। स्तन ग्रंथियाँ (Mammary Glands ) वक्ष भाग में स्थित होती हैं जो एपोक्राइन प्रकार की होती हैं । इनसे दूध का निष्कासन ऑक्सीटोसीन हार्मोन के द्वारा होता है
Pancreatic Gland अग्न्याशय(पैंक्रियास
पैंक्रियाज एक पत्ती के आकार की ग्रंथि है जो पेट के ऊपरी-बाएं भाग और पेट के पीछे मौजूद होती है। ये 6 से 10 इंच लंबा स्पंजी होता है । अंतःस्रावी भाग इंसुलिन और ग्लूकागन हार्मोन को स्रावित करता है । इन्सुलिन (insulin) वह हॉर्मोन है जो अग्न्याशय से उत्पन्न होता है। यह रुधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करता हैं | यदि यह उचित मात्रा में स्त्रावित नहीं होता हो रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर पर अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं | लाइपेज एक एंजाइम है जो अग्नाशयी रस में पाया जाता है और पायसीकृत वसा के टूटने के लिए उत्तरदायी होता है।
अंतःस्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands)
पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland)
यह ग्रंथि मस्तिष्क के ठीक नीचे होती है और कई प्रकार के हार्मोन्स स्रावित करती है। पीयूष ग्रंथि (Pituitary gland) कपाल की स्फेनाइड (Sphenoid) हड्डी में एक गड्ढ़े में स्थित होती है। इसको सेल टर्सिका (Cell turcica) कहते हैं।इसे मास्टर ग्रंथि के रूप में भी जाना जाता है।
Pineal Gland-पीनियल ग्रंथि
पीनियल ग्रंथि, मस्तिष्क में एक छोटी, मटर के आकार की ग्रंथि है । इसे पीनियल पिंड, एपिफ़ीसिस सेरिब्रि, एपिफ़ीसिस या “तीसरा नेत्र” भी कहा जाता है । पीनियल ग्रंथि हमारे सोने -जागने और प्रजनन व्यवहार के कार्यों को नियंत्रित करती है।पीनियल ग्रंथि मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि होती है जिसकी लंबाई लगभग 5-8 मिमी. होती है, यह ग्रंथि अग्र मस्तिष्क के ऊपरी भाग में स्थित होती है। यह मेलाटोनिन (Melatonin-hormone of darknes) का स्रोत है।अंधेरा होने पर मेलाटोनिन का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है ।यह हार्मोन प्रकाश द्वारा प्रभावित होता है कम प्रकाश में इसका स्त्रावण अधिक एवं तीव्र प्रकाश में कम स्त्रावण होता है । इसे नींद का हार्मोन और शरीर की ‘जैविक घड़ी’ (Biological Clock) कहा जाता है भी कहते है
थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland)
थायरॉइड ग्रंथि, श्वासनली के दोनों ओर ‘H’ आकार में स्थित होती है। यह शरीर की सबसे बड़ी अंतःस्त्रावी ग्रंथि होती है। थायराइड ग्रंथि सांस की नली से जुड़ी होती है औऱ थाइरॉक्सिन नाम का हार्मोन बनाती है जिसमें आयोडीन होता है। इस हार्मोन का काम शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन का चयापचय दर नियंत्रित करना है।यह शरीर की सामान्य वृद्धि भोजन में आयोडीन की कमी से शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से गलगंड (गॉइटर/ घेघा) नाम की बीमारी हो जाती है। यह कोशिकीय श्वसन की गति को तीव्र करता हैं।यह शरीर की सामान्य वृद्धि विशेषतः हड्डियों, बाल इत्यादि के विकास के लिए अनिवार्य हैं।पीयूष ग्रंथि के हार्मोन के साथ मिलकर शरीर में जल सन्तुलन का नियंत्रण करते हैं।
थाइरॉक्सिन की कमी से होने वाला रोग
जड़मानवता (Cretinism)- क्रेटिनिज्म (बौनापन) थायराइड ग्रंथि के अल्प-स्राव के कारण होता है। यह रोग बच्चों में होता है, इसमें बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।
मिक्सोडेमा (Myxoedema)– मिक्सोडेमा (Myxoedema) शरीर गठन संबंधी रोग है जो थाइरॉइड ग्रंथि की न्यून क्रिया के कारण उत्पन्न होता है। मिक्सिडमा रोग यौवनावस्था में होता है। इस रोग में शरीर में उपापचय भली-भाँति नहीं हो पाता, जिससे हृदय स्पंदन तथा रक्तचाप कम हो जाता है।
घेघा (Goitre) -घेघा (Goitre) रोग भोजन में आयोडीन की कमी के कारण होता है। इस रोग में थाइरॉयड ग्रंथि के आकार में बहुत वृद्धि हो जाती है। घेंघा (Goiter) एक रोग है जिसमे गला फूल जाता है। हाइपोथाइरॉयडिज्म (Hypothyroidism) रोग लम्बे समय तक थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी के कारण यह रोग होता है।
एक्सोप्थैलमिया (Exophthalmia)-एक्सोप्थैलमिया (Exophthalmia) नामक रोग में आँख फूलकर नेत्रकोटर से बाहर निकल आती है। एक्सोप्थैलमिया की स्थिति में, आंख की हड्डी के अंदर मौजूद चीज़ों में बढ़ोतरी के कारण आंखें आगे की तरफ़ निकल आती हैं।
पैराथाइरॉइड ग्रंथि//पराअवटु ग्रंथि (Parathyroid Gland)
पराअवटु ग्रंथि (Parathyroid gland) गला में अवटु ग्रंथि (Thyroid gland) के ठीक पीछे स्थित होता है जो रक्त में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है। थायरॉइड ग्रंथि में जुड़े चार पैराथाइरॉइड ग्रंथि होते हैं इससे दो हार्मोन स्रावित होते हैं-
पैराथाइरॉइड हार्मोन (Parathyroid hormone): यह हार्मोन तब स्रावित होता है, जब रुधिर में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
कैल्सिटोनिन (Calcitonin): जब रुधिर में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है तब यह हार्मोन मुक्त होता है।
थाइमस ग्रंथि (Thymus Gland)
यह गर्दन के नीचले हिस्से और छाती के उपरी हिस्से में होता है। थाइमस ग्रंथि थाइमस हार्मोन स्रावित करता है जो शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में मदद करता है। यह ग्रंथि श्वेत रक्त कोशिकाएं (टी लिम्फोसाइट्स) बनाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। थाइमस ग्रंथि को ‘प्रतिरक्षा तंत्र का राजा’ कहा जाता है।यह ग्रंथि शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण करती है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करती है। युवा अवस्था तक इस ग्रंथि का आकार बढ़ता है और बाद में इस ग्रंथि का आकार धीरे-धीरे कम हो जाता है। यह ग्रंथि जन्म के समय लगभग 10-12 ग्राम की, युवाओं में 20-22 ग्राम की तथा वृद्धों में मात्र 3-6 ग्राम तक रह जाती है।
अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)
अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland) दोनों गुर्दों (Kidneys)के उपर होती है। ये ग्रंथ अधिवृक्क हार्मोन स्रावित करती है जो हृदय गति, सांस लेने की दर, रक्त दबाव और कार्बोहाइड्रेट चयापचय को नियंत्रित करती है। जब कोई व्यक्ति बहुत खुश या डरा हुआ होता है तो यह हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में स्रावित होता है। इस ग्रंथि को आपातकालीन ग्रंथि (glands of emergency) भी कहते हैं।
3F-Fear //Fight //Flight
4S- Sex// Stress //Salt// Steroid
करो या मरो हार्मोन
जीवन रक्षक हार्मोन
लड़ो एवं उड़ो हार्मोन (Fight & Flight)
जनन ग्रंथियां (Gonads Gland)
गोनाड, प्राथमिक प्रजनन अंग, पुरुष में वृषण(Testis) और महिला में अंडाशय (Ovary) होते हैं। ये अंग शुक्राणु और अंडाणु के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन ये हार्मोन भी स्रावित करते हैं । जनन अंग प्रजनन क्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होते है। पुरुष की जनन ग्रंथि को वृषण (Testis) तथा मादा की जनन ग्रंथि को अंडाशय (Ovary) कहा जाता है।
Male Sex Hormone-टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)
Female Sex Harmons– एस्ट्रोजन(estrogen), प्रोजेस्टेरोन(progesterone ) रिलैक्सिन (Relaxin) हार्मोन